“काव्य कलश” — केवल एक साहित्यिक पत्रिका नहीं, बल्कि साहित्यिक चेतना, संवेदना और सरोकारों का सजीव मंच है। यह उन रचनात्मक स्वरूपों को समर्पित है, जो समाज, संस्कृति और मानवीय मूल्यों के विविध आयामों को गहराई से स्पर्श करते हैं।
समकालीन साहित्यिक परिदृश्य में जहाँ बाजारवादी प्रवृत्तियाँ हावी होती जा रही हैं, वहीं “काव्य कलश” अपने कलेवर में उन विचारशील और संवेदनशील रचनाओं को स्थान देता है, जो साहित्य को केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का माध्यम मानती हैं।
“‘काव्य कलश’ न केवल साहित्य को संजोने वाला एक माध्यम है, बल्कि यह उन आवाज़ों का मंच भी है जो समाज, संस्कृति और आत्मा की गहराइयों से उपजती हैं। साहित्यिक सरोकारों को अपने कलेवर में समेटते हुए, यह पत्रिका समकालीन चेतना का प्रतिबिंब बन गई है।”
इस पत्रिका का उद्देश्य न केवल स्थापित साहित्यकारों की रचनाओं को प्रस्तुत करना है, बल्कि नवोदित रचनाकारों को भी एक सशक्त मंच प्रदान करना है, ताकि विविध स्वरों और दृष्टिकोणों का समावेश हो सके। काव्य, कहानी, लघुकथा, निबंध, समीक्षाएँ और विचार-लेखों के माध्यम से यह पत्रिका साहित्य की विविध विधाओं को आत्मसात करती है।
“काव्य कलश” का प्रत्येक अंक एक प्रयास है—साहित्य की उस धारा को आगे बढ़ाने का, जो पाठकों को संवेदनशील बनाता है, सोचने पर विवश करता है, और उनके भीतर कुछ बेहतर रचने की प्रेरणा जगाता है।
हम आशा करते हैं कि यह पाठकों के हृदय को स्पर्श करेगा और साहित्यिक चेतना को एक नई दिशा प्रदान करेगा।
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